भिलाई में एक नये ब्लॉगर की " रैगिंग "
कॉलेज में जब सत्र प्रारम्भ होता है तो यह दृश्य बहुत आम होता है कि कुछ सीनियर्स मिलकर एक नये जूनियर की रैगिंग या इंट्रोडक्शन ले रहे हैं । वह बेचारा जूनियर अपने सीनियर्स के ऊलजलूल सवालों का सामना कर रहा होता है और सीनियर्स उसके जवाबों का मज़ा ले रहे होते हैं । एक तरह से यह परिचय सत्र होता है और इस बहाने उस नये छात्र को अपनी परम्परा में शामिल कर लिया जाता है । कुछ दिनों बाद वह जूनियर अपने सीनियर्स की बाँहों में बाँहें डालकर घूमता हुआ दिखाई देता है ।
ऐसा ही कुछ विगत दिनों एक नये ब्लॉगर के साथ हुआ । भिलाई में कुछ सीनियर ब्लॉगर्स इकठ्ठा हुए । सर्वश्री बी.एस.पाबला , जी.के.अवधिया , ललित शर्मा , संजीव तिवारी , कसौन्धन दर्पण ,गुप्ता जी , शरद कोकास और इन महारथियों के बीच “ बिगुल “ बजाने के चक्कर में फँस गया राजकुमार सोनी । राजकुमार को तकनीकी जानकारी देने के नाम पर घेर घार कर बुलाया गया था और बाकी लोग होली की पूर्व सन्ध्या पर होली मिलन के नाम पर इकठ्ठा हुए थे । शरद कोकास को खुराफात सूझी और जब राजकुमार नेट रूम में तकनीकी प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे थे उनकी रैगिंग करने की योजना बन गई । इस रैगिंग या परिचय सत्र या साक्षात्कार में होली मिलन का भी आनन्द शामिल था । जैसे ही राजकुमार पहुंचे पहला सवाल दन से शरद ने दागा ..
शरद कोकास : क्यों भई राजकुमार ..अच्छे खासे पत्रकारिता कर रहे थे ..क्या सोचकर ब्लॉगिंग में आ गये ? ( राजकुमार निश्चित रूप से इस सवाल को सुनकर सकपका गये.. ऐसा मुझे लगा ..सीनीयर खुश हुए )
राजकुमार : अरे भाई ! मैं तो ब्लॉगिंग में आना ही नहीं चाहता था ।( देखा ..मैने मन ही मन सोचा मै ठीक कह रहा था ना ..लेकिन राजकुमार बोले .. “ इसलिये कि मुझे लगता था ब्लॉगिंग में गम्भीर किस्म के लोग हैं ही नहीं । ( अब मेरा मुँह देखने लायक था..हूँ...ये मज़ाल ..सीनियर्स का अपमान ? ) राजकुमार ने बात जारी रखी ..” लेकिन भाई संजीव तिवारी ने बहुत कहा कि क्या हर्ज है , आप जो लिखते – पढ़ते हैं ,अखबारों में लिखते हैं उसे ही ब्लॉग पर क्यों नहीं लिखते ? कुछ मित्रों ने भी कहा । मैने कहा मुझे तकनीकी जानकारी बिलकुल नहीं है , लेकिन मित्रों ने कहा तो क्या हुआ लिखना- पढ़ना तो आता है , तकनीक भी आ जायेगी , आखिर मछली के बच्चे को कहीं तैरना सिखाना पड़ता है ? मैने भी सोचा क्या हर्ज़ है । जब अखबार में मेरा कालम छपता है तब ढेरों फोन आते हैं पत्र आते हैं तो मैने सोचा ब्लॉगिंग में भी लिखूंगा तो लोग मेरा लिखा जान सकेंगे । क्योंकि ब्लॉग की पाठक संख्या भी कम नहीं है । मै चाहता हूँ इस बहाने छत्तीसगढ़ को दुनिया जाने और मेरा लिखा जाने ।अगर धमाके दार लिख रहा हूँ तो उस रूप में अगर कमज़ोर लिख रहा हूँ तो उस रूप में जाने ।
ललित शर्मा बहुत देर से यह बौद्धिक किस्म की रैगिंग देख रहे थे , उन्हे लगा कि नये ब्लॉगर की कुछ खिंचाई करना चाहिये सो उन्होने दन से अगला सवाल दागा ... “क्यों कॉलेज के दिनों में तो बहुत फ्लर्ट करते रहे होगे तो ब्लॉगिंग में भी करने का इरादा है क्या ?
राजकुमार ने एक ज़ोरदार ठहाका लगाया ..” भैया मैं इस प्रक्रिया से शायद ही कभी गुजर पाऊँ ..लेकिन यह है कि बड़ी खुशी होती है जब मैं ब्लॉगिंग में देखता हूँ कि अस्सी अस्सी साल की बुज़ुर्ग 20-25 साल के नौजवानों की कविताओं पर टिप्पणियाँ करती हैं तो बड़ा अच्छा लगता है । और नया कोई ब्लॉगर है और अगर वो कोई लड़की है तो भाई लोग ऐसा भिड़ जाते हैं उसको बधाई देने के लिये । अभी मै संजीव भाई से कह रहा था और अवधिया जी ने तो एक पोस्ट भी लिखी है टिप्पणियों पर । भाई लोगों ने एक रटा रटाया फार्मूला बना लिया है । एक महोदय लिखते हैं ..प्रभावशाली अभिव्यक्ति , कुछ लिखते हैं अद्भुत , सुन्दर ,बढ़िया । एक जन को कुछ नहीं मिलता तो वो बस नाइस ही नाइस लिखता है । तो मैने तो ऐसा कुछ नही किया मगर इधर देखता हूँ तो लगता है कि यह दुनिया बहुत खूबसूरत है और लोग अपनी अपनी तरह से दुनिया को खूबसूरत बनाने का प्रयास कर रहे हैं ।
मैं देख रहा था कि ललित शर्मा जो जवाब सुनना चाह रहे थे वह उन्हे नहीं मिला । होली का मौका है और राजकुमार सोनी इतनी गम्भीरता से उनके अगम्भीर प्रश्नों का जवाब दिये जा रहे हैं ..ब्लॉगिंग की दुनिया को बहुत खूबसूरत बता रहे हैं , उन्होने अपने फौजी अन्दाज़ में राजकुमार को छेड़ा ...? क्यों .. कभी अपनी यौवनावस्था में फ्लर्ट करने की कोशिश नही की ?
राजकुमार सोनी ,ललित भाई के इस सवाल पर मुस्कराये और कहा..
सब इसी पोस्ट मे पढ़ लेंगे क्या .. राजकुमार ने क्या कहा यह देखते है अगली पोस्ट में ..
आईये पड़ोस को अपना विश्व बनायें
आगे का इन्तज़ार . रोचक
जवाब देंहटाएंअरे क्या किया शरद भाई?
जवाब देंहटाएंसब कुछ सार्वजनिक कर दिया।
होली की ढेर सारी शु्भकामनाएं
अपहरण आपने किया योगेन्द्र कवि का
जवाब देंहटाएंपर कविताएं वे अपनी पेल गए होंगे।
बड़ी खुशी होती है जब मैं ब्लॉगिंग में देखता हूँ कि अस्सी अस्सी साल की बुज़ुर्ग 20-25 साल के नौजवानों की कविताओं पर टिप्पणियाँ करती हैं तो बड़ा अच्छा लगता है ।
जवाब देंहटाएंक्युं खुशी होती है ये भी पूछा जाए। आगे का इंतजार
अरे ये क्या किया शरद जी
जवाब देंहटाएंआगे की रैगिंग का हाल भी लिखेंगे क्या?
आपको तथा आपके परिवार को होली की शुभकामनाएँ.nice
जवाब देंहटाएंअभी तो रैगिंग का हाल जारी है ,ब्लॉग पर रैगिंग होना अभी बाकी है और इसका पोडकास्ट पाबला जी करेंगे ... हाहाहा ..।
जवाब देंहटाएंबहुत ही बढ़िया लगी पोस्ट , आपको होली की बहुत-बहुत बधाई एवं शुभकानायें ।
जवाब देंहटाएंये हुई न कोई बात। होली अब शुरू हुई।
जवाब देंहटाएंराजकुमार सोनी जी पत्रकारिता मे मेरे गुरु - सीनियर रहे है, बहुतै रेगिंगवा लिये है हमार, अब मौका मिला है तो कइसे छोड देंगे भाई, लेबे करेंगे जब तक ना बोल दे जहांपनाह तुसी ग्रेट हो.
जवाब देंहटाएंशरद भाई , जब राजकुमार जी से कल फ़ोन पर ब्लोग्गिंग में आने की बाबत पूछा तो पता चला था कि ये कुछ कुछ वैसा ही था जैसा कि अपने राहुल बाबा की मुंबई लोकल यात्रा थी ..यानि दोनों को ही धक्का देकर चढा दिया गया था ...हा हा हा ..होली है भई होली है
जवाब देंहटाएंअजय कुमार झा
भई वाह...
जवाब देंहटाएंबहुत अच्छा । बहुत सुंदर प्रयास है। जारी रखिये ।
जवाब देंहटाएंहिंदी को आप जैसे ब्लागरों की ही जरूरत है ।
अगर आप हिंदी साहित्य की दुर्लभ पुस्तकें जैसे उपन्यास, कहानी-संग्रह, कविता-संग्रह, निबंध इत्यादि डाउनलोड करना चाहते है तो कृपया इस ब्लॉग पर पधारें । इसका पता है :
http://Kitabghar.tk
शरद भाई,
जवाब देंहटाएंबच कर रहिएगा, इस रिपोर्ट की भनक सुप्रीम कोर्ट तक न पहुंच जाए...रैगिंग पर बड़ी सख्त सज़ा का प्रावधान है...
रंगोत्सव की आप और आपके परिवार को बहुत-बहुत बधाई...
जय हिंद...
मजा आ गया आप लोगो के चित्र देख कर ओर सब की बात चीत पढ कर... नाईस जी बहुत बहुत नाईस
जवाब देंहटाएंसब किछ तो अच्छा लग रहा है , पर रैगिंग एक गंभीर अपराध है और आप सभी ने इसकी स्वीकृति लिखित रूप से दी है.....
जवाब देंहटाएंकुछ जुगाड़ करना पड़ेगा.........
वर्ना कहीं सुप्रीम कोर्ट की नज़ारे इनायत हो गया ये लेख तो.....................
तो होली के इस अवसर पर सारा हा, हा ,हा धरा रह जायेगा .............
होली की हार्दिक शुभकामनाएं
चन्द्र मोहन गुप्त
ये भी खूब रही...:)
जवाब देंहटाएंये रंग भरा त्यौहार, चलो हम होली खेलें
प्रीत की बहे बयार, चलो हम होली खेलें.
पाले जितने द्वेष, चलो उनको बिसरा दें,
खुशी की हो बौछार,चलो हम होली खेलें.
आप एवं आपके परिवार को होली मुबारक.
-समीर लाल ’समीर’
ेअरे ये सोनी जी तो नहले पे दहला निकले। शरद जी आप ये रेगिन्ग फीकी रही। आप इतने लोग एक जुनीयर को नही घेर सके?--- आगे देखते हैं क्या होता है धन्यवाद । होली की आपको व परिवार को शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंहोली में डाले प्यार के ऐसे रंग
जवाब देंहटाएंदेख के सारी दुनिया हो जाए दंग
रहे हम सभी भाई-चारे के संग
करें न कभी किसी बात पर जंग
आओ मिलकर खाएं प्यार की भंग
और खेले सबसे साथ प्यार के रंग
Rochak series shuru ki hai!
जवाब देंहटाएंवाह ब्लॉगर होली मिलन और रेगिंग मजा आ गया..
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनाएँ
कोई अडौसी हो
जवाब देंहटाएंकोई पडौसी हो
कसम से कहता हू
ये ३६ गढी किसी को भी नही छोडते
वो क्या कहते है - बुड्ढा मरे चाहे ज्वान मोय हत्या से काम
बेचारे राज कुमार सोनी किस घडी मे ब्लोगर बनने को निकले
बुरा
ना
मानो
होली
है
अब मानो तो मानो बुरा पर होली तो है तो है
होली मुबारक...रैगिंग केवल स्कूल-कॉलेज में नहीं इन साहबों का भी होता है.. कैसे ...
जवाब देंहटाएंhttp://laddoospeaks.blogspot.com/2010/02/blog-post_28.html
रंजन रस रंजन..रोचक मनोरोचक ..
जवाब देंहटाएंहोली की ढेरों शुभकामनाएं
wah wah, gud hai ji.
जवाब देंहटाएंaage ka wait kar rele hain apan
holi ki badhai aur shubh-kamnayein
अरे, राजकुमार जी को शिकायत करनी चाहिये इस अन्याय के खिलाफ़!रैगिंग तो बैन है न जी!
जवाब देंहटाएंहोली की शुभकामनायें!
Rajkumar ji ne shikayat kar dee to aapke institute ki manyata wapas le lee jayegi bhaia...
जवाब देंहटाएंवाह क्या रैगिंग है...
जवाब देंहटाएंहोली की बहुत-बहुत शुभकामनायें.
सुना है ....रैगिंग वही लोग करते हैं...जिनकी कभी खुद की जम कर रैगिंग हुई हो....वो किस्सा भी सुनाएँ कभी...:)
जवाब देंहटाएंHa,Ha..aage kee raging ka intezar hai!
जवाब देंहटाएंKaash ham bhi maijood hote....!
जवाब देंहटाएंमजा आ गया आप लोगो के चित्र देख कर ओर सब की बात चीत पढ कर...... क्या रैगिंग है.....शुभकामनाएं.
जवाब देंहटाएंye parampara yahan bhi waah kya kahne ,is rang ka bhi maja aa gaya ,is post ko padhkar aanand aa gaya aur aapki tippani bhi laazwaab rahi ,hansi aa gayi .
जवाब देंहटाएंहोली के अनेक रंगों में एक रंग ये भी है, साथियों को छेड़ने का. खूब मजा आया होगा.
जवाब देंहटाएंचित्र के साथ पूरा विवरण पढ़कर बहुत अच्छा लगा! बड़ा मज़ेदार और रोचक पोस्ट रहा!
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