जगमोहन कोकास व शीला कोकास |
मैंने कहा अब अगली बार दो अक्तूबर को आपका जन्मदिन मनायेंगे । वे हँसने लगे ..." अरे भाई , दो अक्तूबर को तो दो बड़े बड़े लोगों का जनमदिन मनाया जाता है , मैं तो एक मामूली सा आदमी हूँ । " उनकी बात सुनकर हम लोग चुप हो गये । फिर भी मैंने कहा .. " लेकिन दादा दादी तो आपका जनमदिन मनाते होंगे ? " वे बोले " कहाँ का जन्मदिन .. घर में इतने सारे बच्चे थे और इतनी गरीबी थी कि यह दिन भी अन्य साधारण दिनों की तरह बीतता था । "
हम भाई बहन , सीमा और बबलू उनकी यह बात सुनकर उदास हो गये । हमे लगा हम बाबूजी का जनमदिन शायद ही कभी मना सकें । हम बच्चों को उदास देखकर उन्होंने कहा .. " लेकिन जिस दिन मैं पैदा हुआ था उस दिन दो अक्तूबर के अलावा दशहरा भी था , और दशहरा तो हम सभी लोग मनाते ही हैं । "
बस फिर क्या था अगली बार से दशहरे में यह भी
जुड़ गया कि सुबह उठते ही हम लोग सबसे पहले बाबूजी को हैप्पी बर्थ डे कहते थे और शाम को शमी पत्र यानि सोना देकर उनके पाँव छूते थे । शाम को वे हम लोगों को भंडारा में अपनी साइकल पर बिठा कर सीमोलंघन के लिये ले जाते थे , चिचबन मैदान के उस पार , जहाँ दशहरे का मेला लगता था ।
हाँ एक बात और इसी सिलसिले में माँ से भी उनके जन्मदिन के बारे में पूछा था ... " माँ तुम्हारा जन्म दिन कब आता है ? " माँ मुस्कराई और कहने लगी .. " तुम्हारे बाबूजी का दशहरे के दिन तो मेरा दिवाली के दिन । "
कितने अच्छे दिन हमारे माँ - बाप के जन्मदिन आते थे । दोनों का जन्मदिन अलग से मनाने की कभी ज़रूरत ही नहीं पड़ी ।
खैर वह सब बातें फिर कभी । आज दशहरे के दिन बाबूजी का पुण्य स्मरण और उनको हैप्पी बर्थ डे ।
बाबू जी की पुण्य स्मृति को नमन!!
जवाब देंहटाएंदशहरा के पावन-पर्व की मेरी ओर से आपको हार्दिक बधाई.
सादर
समीर लाल
is post ko padhkar mujhe dada ji ki bahut yaad aa rhi hai maine unke saath jo vaqt bitaye hai vo meri zindagi ke liye aur mere liye bahut beshkima ti hai jo ab meri yaado ke khazane mai kaid hai mai bahut khushnaseeb hu jo mujhe itne pyare dada ji aur dadi ma mile mere pyare dada ji aur meri pyari dadi ma ko mera naman .
जवाब देंहटाएंपञ्च दिवसीय दीपोत्सव पर आप को हार्दिक शुभकामनाएं ! ईश्वर आपको और आपके कुटुंब को संपन्न व स्वस्थ रखें !
जवाब देंहटाएं***************************************************
"आइये प्रदुषण मुक्त दिवाली मनाएं, पटाखे ना चलायें"
बेहतरीन प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंशरद जी बहुत अच्छा लिखा आपने।
जवाब देंहटाएंवैसे मेरा पिताजी का जन्मदिन भी 15 अगस्त को होता था हम भी उनको विश किया करते थे। तो वह कहते थे की पूरा देश बना रहा है।
वे दोनों ही पुण्य आत्माएं हैं इसीलिए सारा जहां उनका जन्मदिन युगों युगों से मना रहा है और अनंतकाल तक मनाता रहेगा। पूज्य बाबूजी को नमन।
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