भयानक दुर्घटना में बाल बाल बचे पाबला जी
पट्टी बन्धे हुए पाबला जी के इस हाथ और की बोर्ड पर उंगलियाँ चलाते पाबला जी के चित्र को देख कर आप सोच भी नहीं सकते कि वे कितने भयानक हादसे से बचकर आये हैं । इसलिये कि बगैर उनसे मुलाकात किये हमारे लिये भी यह अन्दाज़ लगाना मुश्किल था कि क्या क्या घटा होगा ।
पहेलियाँ न बुझाते हुए चलिये मैं आपको बताता हूँ कि क्या घटित हुआ । हुआ यह कि पाबला जी अपनी यात्रा के अन्तिम चरण में थे और भिलाई की ओर उनकी वापसी यात्रा जारी थी । महाराष्ट्र में नांदेड़ से वे आगे निकल चुके थे और यवतमाल की ओर बढ़ रहे थे । शुक्रवार तारीख 16 जुलाई 2010 , सुबह लगभग 12 बजे का वक़्त था कि अचानक पता चला, इन्धन के रूप में भराई गई 500 रुपये की गैस खत्म हो गई है जबकि अभी मात्र 50-60 किलोमीटर ही वे चले थे । दुकानदार की बेईमानी को कोसना बेकार था और पेट्रोल का इन्तज़ाम करना था । वैसे पेट्रोल भी पर्याप्त था वैन में । लेकिन यह क्या पेट्रोल आ ही नहीं रहा । गाड़ी बन्द । बिटिया को वैन में बैठाकर वे उतरे और एक आटो लेकर मैकेनिक की तलाश में निकल पड़े । नांदेड़ मार्ग पर एक दुकान मिली लेकिन जुम्मा था सो मैकेनिक नमाज़ पढ़ने चला गया था । पता चला कि आगे हदगाँव के पास उसके बड़े भाई की दुकान है और वह भी मैकेनिक है । संयोग कि वह मैकेनिक वहाँ मिल गया उसे आटो में बैठाकर वे अपने साथ लेते आये और वैन दिखाई ।
मैकेनिक ने कुछ ठीक ठाक करके वैन चलाई और कहा कि शायद कार्बोरेटर से पेट्रोल लीक कर रहा है । उसने सलाह दी कि पास ही हदगाँव में दुकान है ,वहाँ से सामान ले लेते हैं। पाबला जी ड्राइविंग करते हुए वैन को हदगाँव तक लाये ही थे कि बगल में बैठे मैकेनिक ने कहा…आग । पाबला जी ने बगल में देखा तो इन्जन से धुआँ निकल रहा है और आग जैसा कुछ दिखाई दे रहा है । उन्होने बायें हाथ से पास रखा टॉवेल उठाया और उससे आग बुझाने की कोशिश की लेकिन वह बुझ नहीं पाई बल्कि हाथ भी जल गया । मैकेनिक चीखा… “ कूदिये सर “ । पाबला जी ने तुरन्त ब्रेक लगाया और पीछे बैठी बिटिया से कहा…”बाहर कूदो ।“ और खुद बाहर छलांग लगा दी । गाड़ी गियर में थी और ब्रेक भी ठीक से नहीं लगा था सो गाड़ी रुकी नहीं बल्कि धीरे धीरे आगे बढ़ती रही और कुछ दूर जाकर रुक गई । इतनी देर में पाबला जी भी छलांग लगाकर बाहर आ चुके थे , बिटिया भी ठीक थी , उन्होने वैन की ओर देखा , वहाँ आग की एक बडी सी लपट थी…वैन धू धू कर जल रही थी ।
पाबला जी को ख्याल आया कि सब कुछ तो गाड़ी में ही है , कैमरा , कपड़े, कैश , ज्वेलरी, जूते, बिटिया को मामा ,दादा से मिले उपहार , खरीदी गई नई नई ड्रेस … उन्होने कोशिश की कुछ तो बचा सकें लेकिन अफ़सोस … कुछ नही बचा , सब जल गया । बहुत देर बाद उन्हे ख्याल आया कि दोनो हाथों में जलन हो रही है । फ़िर वही पुलिस थाना , अस्पताल और खाली हाथ ,सिर्फ पहने हुए कपड़ों में बस से यात्रा करके नागपुर तक और नागपुर से वापस दुर्ग ।
आज मैं ,ललित शर्मा और अवधिया जी दिन भर उनके साथ थे । वे फ़ोन पर तमाम ब्लॉगर्स से बात भी करते जा रहे थे और हम लोगों के खाने पीने की चिन्ता भी कर रहे थे । अवधिया जी का जन्म दिन था सो उसे भी उन्होने हम सब को पेढ़े खिलाकर मनाया । उनसे इस दुर्घटना का पूरा हाल जानने के बाद ही समझ में आया कि कितना बड़ा हादसा होते होते बच गया । पाबला जी बहुत हिम्मत वाले प्राणि हैं लेकिन उतने ही सम्वेदनशील … वे बार बार यही कह रहे हैं कि हर हादसा मनुष्य को कुछ न कुछ सिखाता है । जीवन में न जाने कब कौनसी स्थिति आ जाये इसलिये मनुष्य को कभी भी ,अपनी हैसियत या अन्य किसी भी बात का दम्भ नहीं होना चाहिये । पाबला जी जल्दी ही पूर्ण स्वस्थ्य हो जायेंगे और पूरा हाल खुद आपको बतायेंगे ।(जलती हुई गाड़ी का चित्र छोड़कर सभी चित्र वास्तविक हैं । जलती हुई गाड़ी का चित्र इसलिये नहीं लिया जा सका कि कैमरा भी उसी के साथ जल गया और साथ ही जल गया बहुत कुछ जो उस कैमरे में कैद था ) - शरद कोकास
आईये पड़ोस को अपना विश्व बनायें
behad afsos janak haadsa, pabla ji ke swasth ke liye khuda se dua hai.
जवाब देंहटाएंसबसे तेज चैनल शरद कोकास,पास पड़ोस
जवाब देंहटाएंहमारे घर पहुंचने से पहले ही पोस्ट आ गयी।
जान बची लाखों पाये।
जवाब देंहटाएंजाको राखे साईयाँ मार सके ना कोय
जवाब देंहटाएंबाल बाका कर ना सके जो जग बैरी होय
आप जल्दी स्वस्थ हो जाये ईश्वर से हमारी यही कामना है ।
पाबला जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिये हमारी शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंपाबला जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना
जवाब देंहटाएंजाको राखे साईयाँ मार सके ना कोय
जवाब देंहटाएंपाबला जी के शीघ्र स्वस्थ होने की ऊपरवाले से दुआ करते हैं
भले ही हाथ में पट्टी बंधी हो पर फिर भी पाबला जी को देख तसल्ली हुयी ! यह पट्टीयाँ अपने पाबला जी को भला कब तक रोक सकती है ? हम सब की शुभकामनाएं पाबला जी के साथ है ! शरद भाई आपको बहुत बहुत धन्यवाद इस पोस्ट के लिए !
जवाब देंहटाएंसाडा शेर सरदार .......................... बस नज़र ना लगे !
जवाब देंहटाएंपाबला सर की हिम्मत के आगे नतमस्तक हूँ.. आभार भैया..
जवाब देंहटाएंईश्वर की बड़ी कृपा रही कि पिता पुत्री सकुशल है. पाबला जी के स्वास्थय लाभ के लिए मंगलकामनाएँ.
जवाब देंहटाएंपाबला जी के अति शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हेतु ईश्वर से कामना करता हूँ!!
जवाब देंहटाएंपाबला जी की हिम्मत की सच में दाद देनी पड़ेगी. अगर सही समय पर ये कदम नहीं उठाया जाता तो न जाने...
जवाब देंहटाएंपाबला जी के शीघ्र स्वास्थ लाभ की कामना करती हूँ.
...शीघ्र स्वस्थ्य होकर ब्लागरूपी "अखाडे" में आ जाये और शुरु हो फ़िर ...बल्ले बल्ले ...!!!
जवाब देंहटाएंपाबलाजी जल्द से जल्द स्वस्थ हो,
जवाब देंहटाएंयही कामना है.
वैसे वे बड़े ही जाबांज किस्म के इंसान है
जल्द ही सब कुछ ठीक कर लेंगे.
क्षमा करें, निजी व्यावसायिक व्यस्तता के कारण ब्लॉग पर आना नहीं हुआ था इस कारण हमें जानकारी नहीं हो पाई थी। पाबला जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की शुभकामनांए।
जवाब देंहटाएंपाबला जी की हिम्मत हम सब के लिए प्रेरणा है कि किस तरह मुश्किल से मुश्किल घड़ी में भी संयम और संतुलन बनाए रखना चाहिए...पाबला जी के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना...
जवाब देंहटाएंजय हिंद...
पाबला जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिये हमारी शुभकामनायें
जवाब देंहटाएंपाबला जी,
जवाब देंहटाएंशीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिये हमारी शुभकामनायें |
post bahut aachi hai . hum bhi unke jaldi thik hone prarthna karte hai get well soon uncle .
जवाब देंहटाएंपाबला जी के साथ हुए हादसे को सुन कर हम भी सकते में आ गये। आखों के सामने उनकी प्यारी वैन घूम गयी, अभी जैसे कल ही की तो बात है पाबला जी की वैन पर लगे वेबोल्युशन्स के इश्तहार को देख हम मुस्कुरा दिए थे कि पाबला जी आप को ढूंढना तो बिल्कुल मुश्किल नहीं। अच्छा हुआ ये हादसा किसी जंगल में न हुआ ,आबादी वाले इलाके में हुआ।
जवाब देंहटाएंखैर जान बची तो लाखों पाये। पाबला जी के साथ साथ उनकी बेटी की भी हिम्मत है जि्सने चलती गाड़ी से छलांग लगा दी और बिल्कुल नहीं घबराई। भगवान से प्रार्थना करते हैं कि पाबला जी जल्द स्वस्थ हो जाएं
बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण हादसा था । फिर भी शुक्र है वाहे गुरु दा , कि सब बच गए ।
जवाब देंहटाएंबचाने वाला भी वही होता है ।
चलो प्रभु का शुक्र है कि सब लोग सकुशल रहे ....बाक़ी जो बदा है शायद वही होता है
जवाब देंहटाएंहज़ारी उमर हो भाई जी की
जवाब देंहटाएंईश्वर की बड़ी कृपा है। यह कहा जाय कि वे मौत के मुंह से वापस आ गये हैं तो अतिशयोक्ति नही होगी। बस अब यही कामना है कि शीघ्र स्वास्थ्य लाभ हो उन्हे। वैसे दो तीन साल पहले हमारा और एक्सीडेंट का चोलीदामन का साथ था। शरद भैय्या तो जानते ही हैं। आज ही ललित भाई से चर्चा किया ही था मैने।
जवाब देंहटाएंभगवान का लाख लाख शुक्र है कि इतनी बड़ी दुर्घटना के बावजूद सब लोग सकुशल रहे. पाबला जी के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिये शुभकामनायें !!!
जवाब देंहटाएंआकस्मिक दुर्घटना से उपजे अवसाद के क्षणों में आप सभी की मंगलकामनायों से मुझे बेहद संबल मिला है,
जवाब देंहटाएंआपकी शुभेच्छायों हेतु पाबला परिवार कृतज्ञ है.
स्नेह बनाए रखिएगा
ईश्वर की कृपा हुई कि बच्ची को चोट नहीं आयी ...शेरों को तो लगती ही रहती है....
जवाब देंहटाएंपाबला जी..!!
जवाब देंहटाएंआपसे नया नया ही परिचय हुआ है पर जिस तरह के आप हैं तो आपसे रिश्ता सीधे ही अपनेपन की गली से गुजरने लगता है.. चौंकाने जैसा घटनाक्रम हुआ आपके साथ.. वैसे बड़ी बात कहना फ़िज़ूल होगा, बस अपनी समस्या में ह्रदय से मुझे अपना समझिएगा.. अतिशीघ्र ठीक होकर फिर से हम में पहले ही की तरह से मिल जाएँ आप.. साथ ही ख़ुशी भ है की कोई बड़ा हादसा नहीं हो पाया.. बेटी सही सलामत है इसकी भी अत्यंत ख़ुशी है.. !!..शुभकामनायें..!! .....जोगी.....
पाबला जी आपकी बहुत चर्चा सुन रखी थी, आज देखा तो पता चला कि अरे आप तो पड़ोसी ही हैं। और हाथ तो हमारे भी आपके साथ ही हैं। तुसी फ्रिक न करो जी। जल्दी जल्दी ठीक हो जाओ।
जवाब देंहटाएंआप जैसे अपनों की दुआयों का असर हैं की पाबला जी आज हम सब के बीच हैं ....ईश्वर उन्हें सलामत रखे
जवाब देंहटाएंआमीन ....
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